मुजफ्फरनगर में श्रीमद् भागवत कथा का भव्य समापन; गंगोत्री तिवारी मृदुल ने बताया 'सच्ची मित्रता' का महत्व
मुजफ्फरनगर। शाहबुद्दीनपुर गांव में पिछले कई दिनों से चल रही श्रीमद् भागवत कथा का बुधवार को भव्य समापन हो गया। कथा व्यास गंगोत्री तिवारी मृदुल जी महाराज ने समापन अवसर पर सुदामा चरित्र का मनमोहक वर्णन किया और उसे संसार में सच्ची मित्रता का सर्वोत्तम उदाहरण बताया।
कथा के विश्राम दिवस पर व्यास जी ने भगवान कृष्ण के वंशजों का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने सात्विक और राजसिक भक्ति के स्वरूप को भी समझाया।
गंगोत्री तिवारी मृदुल जी महाराज ने कहा कि वास्तविक भक्त वही है, जो हर परिस्थिति में समभाव बनाए रखता है। उन्होंने बताया कि हमें सुख और दुख दोनों को भगवान का प्रसाद मानकर स्वीकार करना चाहिए और हमेशा निष्काम भाव से प्रभु की भक्ति करनी चाहिए।
उन्होंने समाज से यह आह्वान भी किया कि "आज लोग भगवान कृष्ण को तो मानते हैं, लेकिन भगवान कृष्ण की नहीं मानते। हमें गीता के उपदेशों को अपने जीवन में उतारने की जरूरत है।"
कथा के समापन अवसर पर गांव और आसपास के क्षेत्रों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। पूरा वातावरण भक्ति रस में डूब गया और भगवान के जयकारों से गूंज उठा।
