नेशनल स्पेस डे 2025: पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम दिया संदेश और हुई इसरो की बड़ी घोषणाएं

नई दिल्ली। आज का दिन भारत के लिए खास महत्व रखता है क्योंकि देश भर में नेशनल स्पेस डे बड़े उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। आपको याद दिला दें कि वर्ष 2023 में भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक लैंडिंग कर पूरी दुनिया को चौंका दिया था। […]
नई दिल्ली। आज का दिन भारत के लिए खास महत्व रखता है क्योंकि देश भर में नेशनल स्पेस डे बड़े उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। आपको याद दिला दें कि वर्ष 2023 में भारत ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक लैंडिंग कर पूरी दुनिया को चौंका दिया था। उसी ऐतिहासिक पल को यादगार बनाने के लिए हर साल 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाने की परंपरा शुरू की गई थी।
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इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। इस बार की थीम है आर्यभट्ट से गगनयान तक, जिसमें अतीत का गौरव भी है और भविष्य का संकल्प भी। प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस आज युवाओं के बीच उत्साह, प्रेरणा और आकर्षण का अवसर बन चुका है और यह पूरे देश के लिए गर्व की बात है।
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पीएम मोदी ने अपने संबोधन में हाल ही में भारत द्वारा खगोल विज्ञान और खगोल भौतिकी का अंतर्राष्ट्रीय ओलंपियाड आयोजित करने का भी ज़िक्र किया, जिसमें 60 से अधिक देशों के करीब 300 युवाओं ने हिस्सा लिया और भारतीय विद्यार्थियों ने पदक जीतकर देश का मान बढ़ाया। प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि यह आयोजन वैश्विक स्तर पर अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत के उभरते नेतृत्व का प्रमाण है। वहीं भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो के अध्यक्ष वी. नारायणन ने आज इस मौके पर भविष्य की अंतरिक्ष योजनाओं का खाका भी पेश किया।
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उन्होंने कहा कि हम चंद्रयान-4 मिशन और वीनस ऑर्बिटर मिशन शुरू करने जा रहे हैं। इसके साथ ही 2028 तक हमारे पास भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन BIS का पहला मॉड्यूल लॉन्च कर दिया जाएगा, और वर्ष 2035 तक यह स्पेस स्टेशन पूरी तरह संचालित होगा। उन्होंने आगे बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने NGL यानी नेक्स्ट जेनरेशन लॉन्चर को भी मंजूरी दे दी है।
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इसके आधार पर भारत 2040 तक न केवल अपने अंतरिक्ष कार्यक्रमों को दुनिया की सबसे बड़ी शक्तियों के बराबर खड़ा करेगा, बल्कि उस समय तक भारत का पहला मानव मिशन चंद्रमा तक जाएगा और सुरक्षित वापसी भी करेगा। यानी साफ़ है कि भारत अब उपग्रह प्रक्षेपण भर तक सीमित नहीं, बल्कि अंतरिक्ष विज्ञान के हर बड़े आयाम में अपनी मजबूत दावेदारी पेश कर रहा है। आज का दिन वाकई हर भारतीय के लिए गर्व से भर देने वाला है क्योंकि भारत का यह सपना अब न सिर्फ आसमान छू रहा है बल्कि चांद और ग्रहों तक अपनी पहचान दर्ज करा रहा है।
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