बाढ़ की मार! हरियाणा के नेशनल हाईवे और गांव जलमग्न, बचाव अभियान जारी- Haryana Flood

Haryana Flood: हरियाणा में भारी बारिश और नदियों के उफान ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। हिसार में हिसार-चंडीगढ़ एनएच-52 और दिल्ली-हिसार एनएच-9 के कुछ हिस्से पानी में डूब गए हैं। अंबाला में अंबाला-रुड़की एनएच-344 पर भी पानी बहने के कारण हाईवे की एक साइड को बंद करना पड़ा। इन हाईवे से गुजरने वाले वाहनों की रफ्तार अब थम सी गई है और कई वाहन जाम में फंसे हुए हैं।
जलभराव का असर शहर और ग्रामीण इलाकों में
बारिश से मौतें और घायल
वीरवार को भारी बारिश और जलभराव के कारण पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति बह गया। यमुना, घग्गर, टांगरी और मारकंडा नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे लगातार खतरा बना हुआ है।
हाईवे पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित
हिसार में हिसार-चंडीगढ़ एनएच-52 और दिल्ली-हिसार एनएच-9 के अलावा अंबाला में अंबाला-रुड़की एनएच-344 के ऊपर से भी पानी बह रहा है। ये हाईवे पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश को जोड़ते हैं, जिसके कारण पांच राज्यों के वाहन जाम में फंसे हुए हैं।
अंबाला में पानी से प्रभावित क्षेत्र और बचाव अभियान
अंबाला में वीरवार को अंबाला-जगाधरी एनएच-444ए पर टांगरी नदी का पानी आने से लेन बंद करनी पड़ी, जबकि अंबाला-दिल्ली हाईवे एनएच-44 पर बलदेव नगर के पास एक लेन बंद कर दी गई। इस्माईलाबाद बाईपास पर नेशनल हाईवे 152 पर भी मारकंडा नदी का पानी पहुंच गया। कई हाईवे वन-वे किए गए और इंडस्ट्रियल एरिया में भी जलभराव हुआ। एसडीआरएफ ने सुबह चार बजे से बचाव अभियान शुरू कर 300 लोगों को सुरक्षित निकाला।
गांवों और स्कूलों में पानी भरने की स्थिति
अंबाला में घग्गर, टांगरी और मारकंडा नदियों में अत्यधिक पानी आने से 146 से अधिक गांव जलमग्न हो गए। हिसार में 28 गांवों की बाहरी बस्तियां, ढाणियां और 34 स्कूलों में पानी भर गया। भिवानी के 15, चरखीदादरी के 30, फरीदाबाद में 27, कुरुक्षेत्र के 20 गांव और पानीपत में छह कॉलोनियों में जलभराव देखा गया।
नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर
अंबाला में मारकंडा, टांगरी और घग्गर नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। सिरसा में घग्गर नदी में जलस्तर पिछले 24 घंटे में 18,600 क्यूसेक से बढ़कर 21,000 क्यूसेक हो गया है। पानीपत में यमुना नदी खतरे के निशान 231.50 के पास बह रही है। फरीदाबाद में यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। बसंतपुर और आसपास के कई गांवों में पानी का स्तर पांच फीट तक पहुंच गया है।