ईशा ग्रामोत्सवम 2025 का भव्य फाइनल: खेल, संस्कृति और ग्रामीण भारत की आत्मा का संगम

Isha Gramotsavam 2025: कोयंबटूर स्थित ईशा योग केंद्र में रविवार, 21 सितंबर को ईशा ग्रामोत्सवम 2025 का बहुप्रतीक्षित फाइनल आयोजित होने जा रहा है। इस वर्ष का आयोजन अपनी ऐतिहासिक भागीदारी और सांस्कृतिक उत्साह के लिए पहले ही चर्चा में है।
63,220 प्रतिभागियों ने दिखाया खेलों का जुनून
5,472 टीमों ने संभाली जिम्मेदारी, 35,000 गांवों का प्रतिनिधित्व
प्रतियोगिता में कुल 5,472 टीमें बनाई गईं, जिन्होंने मिलकर देशभर के 35,000 से अधिक गांवों का प्रतिनिधित्व किया। यह सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं बल्कि ग्रामीण भारत की एकजुटता, विविधता और उत्साह का प्रतीक बन गया है।
मंच पर दिग्गजों की मौजूदगी से बढ़ेगी शोभा
फाइनल आयोजन की खासियत यह होगी कि इसमें ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सदगुरु, केंद्रीय खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, ओलंपिक पदक विजेता बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल, चेस ग्रैंडमास्टर वैशाली रमेशबाबू, और पैरालंपिक पदक विजेता भाविना पटेल शामिल होंगे। इन हस्तियों की मौजूदगी से कार्यक्रम का महत्व और भी बढ़ जाएगा।
पेशेवर नहीं, ग्रामीण प्रतिभा को मिलता है मंच
ईशा ग्रामोत्सवम की खास बात यह है कि इसमें पेशेवर खिलाड़ियों को शामिल नहीं किया जाता। यह आयोजन केवल उन ग्रामीणों के लिए होता है जो खेती, मजदूरी, मछली पकड़ने या गृहकार्य जैसे काम करते हैं। इन्हीं लोगों को खेलों के जरिए आनंद, जोश और सामुदायिक जुड़ाव का अनुभव कराया जाता है।
खेलों से आगे, गांवों की ऊर्जा का प्रतीक
आज ईशा ग्रामोत्सवम केवल खेल प्रतियोगिता नहीं रह गया है, बल्कि यह गांवों की जीवंतता, ऊर्जा और सामूहिकता का प्रतीक बन चुका है। यह आयोजन ग्रामीण भारत की प्रतिभा, जज्बे और एकता को पहचान और प्रोत्साहन देता है और साल-दर-साल और विराट रूप लेता जा रहा है।