कांग्रेस के पिछलग्गू दलों ने संविधान की हत्या की - ब्रजेश पाठक

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने बुधवार को कहा कि आपातकाल में प्रेस का गला घोंटा गया। यातना की पाराकाष्ठ हो गई थी। नागरिक अधिकारों का हनन किया गया। किसी को बोलने की आजादी नहीं थी। किसी को आने जाने की आजादी नहीं थी। वे हिन्दुस्थान समाचार बहुभाषी न्यूज एजेंसी की ओर से इमर्जेंसी के 50 साल पर लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
इस अवसर पर ब्रजेश पाठक ने कहा कि भारत के लोकतंत्र को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र कहा जाता है। लोकतंत्र को कठपुतली बनाकर तत्कालीन राष्ट्रपति को केवल संदेश भेजकर हस्ताक्षर करा लिये गये। प्रात:काल देशभर में हाहाकार मचा गया कि आपातकाल लग गया।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस के पिछलग्गू दल संविधान की प्रतियां लेकर घूमते हैं। इन्हीं लोगों ने संविधान की हत्या की। जिन लोगों ने प्रेस पर हल्ला बोल दिया था। पत्रकारों को चुनौती देने का काम किया था। आज संविधान की प्रतियां लेकर घूम रहे हैं। ब्रजेश पाठक ने कहा कि देश विकसित राष्ट्र की ओर बढ़ रहा है। आजादी के रण बांकुरों ने जो सपना देखा था आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में उस सपने को सच करने का काम हो रहा है। मोदी ने गरीबों के जीवन में खुशहाली लाने का काम किया है। कांग्रेस पार्टी ने गान्धी के नाम का उपयोग तो लिया लेकिन उनके विचारों को नहीं लिया।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हम विकसित राष्ट्र की ओर आगे बढ़ रहे हैं। भाजपा केवल वोट के लिए नहीं देश के लिए काम करती है। हम लोग राष्ट्र प्रथम के भाव से काम करते हैं। लोकतंत्र को बचाने के लिये जनसंघ ने पार्टी का विलय कर दिया था।
आज दुनिया भारत की तरफ देखती है। आज अगर आतंकवादी भारत की तरफ बुरी नजर से देखते हैं तो आपरेशन सिंदूर के माध्यम से उन्हें नेस्तानाबूद किया जाता है।
ब्रजेश पाठक ने कहा कि कुछ अच्छा काम होता है तो दैत्य वा दानवी शक्ति विघ्न डालने का काम करती हैं। इसलिए वरिष्ठ जन को विश्वामित्र की भूमिका में, युवा राम के आदर्शों पर चलने का काम करें और पत्रकारों को नारद मुनि बनकर समाज को देश को सत्य बताने का कार्य करें।
कार्यक्रम को परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेश राणा, लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल और समाचार एजेंसी के अध्यक्ष अरविंद मार्डीकर ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर 11 लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित किया गया।