मुजफ्फरनगर में 5 साल की मासूम से दुष्कर्म करने वाले को 20 साल की सजा, कोर्ट का बड़ा फैसला

मुजफ्फरनगर। मिशन शक्ति 5.0 अभियान के अन्तर्गत 5 वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म करने वाले एक अभियुक्त को 20 वर्ष कारावास तथा अर्थदण्ड की सजा कराई गई। मुजफ्फरनगर पुलिस द्वारा साक्ष्य संकलन करते हुए गुणवत्तापूर्ण विवेचना सम्पादित कर तथा अभियोजन की सशक्त पैरवी के तहत न्यायालय ने सजा सुनाई। अभियोजन के अनुसार 27.04.2024 को वादी द्वारा थाना खतौली पुलिस को लिखित तहरीर देते हुए अवगत कराया गया कि अभियुक्त महकार पुत्र धर्मवीर निवासी ग्राम बुआडा कलां थाना खतौली, मुजफ्फरनगर द्वारा उनकी 05 वर्षीय पुत्री के साथ जंगल में ले जाकर दुष्कर्म की घटना की गयी है।
वादी से प्राप्त तहरीर के आधार पर थाना खतौली पुलिस द्वारा तत्काल मु0अ0सं0- 169/2024 धारा 354(क)(1),376(A,B).363, 506 भादवि व 5M/6 पोक्सो एक्ट पंजीकृत किया गया तथा त्वरित कार्यवाही करते हुए अभियुक्त महकार उपरोक्त को दिनांक 28.04.2024 को ही गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया। थाना खतौली पुलिस द्वारा साक्ष्य संकलन की कार्यवाही पूर्ण करते हुए गुणवत्तापूर्वक विवेचना संपादित की गयी तथा अभियुक्त महकार उपरोक्त के विरूद्ध 18.05.2024 को आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया।
महिला व बच्चियों के प्रति अपराध करने वालों को सजा दिलाने हेतु मिशन शक्ति 5.0 व आपरेशन कन्विक्शन के अन्तर्गत विशेष अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियोग उक्त अभियान के अन्तर्गत चिन्हित था। नाबालिग बच्ची के दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराध में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार वर्मा के निर्देशन में, पुलिस अधीक्षक अपराध(नोडल अधिकारी मिशन शक्ति एवं ऑपरेशन कन्विक्शन) श्रीमती इन्दु सिद्वार्थ के निकट पर्यवेक्षण में, क्षेत्राधिकारी खतौली रामआशीष यादव तथा थाना प्रभारी खतौली दिनेश चन्द के नेतृत्व में थाना खतौली स्तर से प्रभावी पैरवी की गयी व समस्त गवाहों को समय से न्यायालय के समक्ष उपस्थित कराया गया।
एडीजीसी विक्रान्त राठी व दीपक गौतम एवं कोर्ट पेरोकार तथा मुख्य आरक्षी सुधीर कुमार व म0मु0आ0 गीता द्वारा प्रभावी पैरवी की गई। अभियोजन व पुलिस की प्रभावी पैरवी के परिणामस्वरुप आज न्यायाधीश श्रीमती अलका भारती, न्यायालय विशेष पॉक्सो कोर्ट मुजफ्फरनगर द्वारा अभियुक्त महकार उपरोक्त को धारा 354(क)(1),376(A,B).363, 506 भादवि व 5M/6 पोक्सो एक्ट में 20 वर्ष के कठोर कारावास तथा 15,000/- रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।