कम लागत और कम मेहनत में सरसों की खेती से किसान कैसे कमा रहे हैं लाखों रुपए जानिए पूरी जानकारी

अगर आप भी ऐसी फसल की तलाश में हैं जो कम मेहनत और कम लागत में आपको शानदार मुनाफा दे सके तो सरसों की खेती आपके लिए सबसे बेहतरीन विकल्प है। आज के समय में सरसों की डिमांड हर छोटे बड़े बाजार में बहुत ज्यादा है और यही वजह है कि इसकी खेती करने वाले किसानों को कभी घाटे का डर नहीं होता। सरसों एक ऐसी फसल है जिसे किसान थोड़े निवेश में उगा सकते हैं और अच्छी उपज मिलने पर लाखों की कमाई कर सकते हैं।
सरसों की फसल की एक बड़ी विशेषता यह है कि इसे उन क्षेत्रों में भी आसानी से उगाया जा सकता है जहां सिंचाई की कमी होती है। यह फसल बुवाई के लगभग 136 से 145 दिनों में पककर पूरी तरह तैयार हो जाती है। यानी किसान इसे समय पर बेचकर बाजार में अच्छी कीमत पा सकते हैं।
दोस्तों उत्पादन क्षमता की बात करें तो सरसों की अच्छी किस्मों से एक हेक्टेयर में लगभग 25 से 27 क्विंटल तक उत्पादन मिल सकता है। बाजार में सरसों का औसतन भाव 6000 रुपए प्रति क्विंटल तक रहता है। यानी एक हेक्टेयर की खेती करने पर किसान आसानी से लाखों रुपए की आमदनी कर सकते हैं। यही कारण है कि सरसों को किसानों के लिए नकदी फसल भी कहा जाता है।
आज जब खेती में लागत लगातार बढ़ रही है और मुनाफा कम होता जा रहा है ऐसे में सरसों की खेती किसानों के लिए एक मजबूत सहारा साबित हो सकती है। इसकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह फसल न सिर्फ खाने के तेल के लिए बल्कि औद्योगिक उपयोग के लिए भी बहुत बड़ी मात्रा में खरीदी जाती है। इसलिए आने वाले समय में इसकी मांग और भी ज्यादा बढ़ने वाली है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी विभिन्न कृषि विशेषज्ञों और उपलब्ध स्रोतों पर आधारित है। किसी भी प्रकार की खेती शुरू करने से पहले अपने नजदीकी कृषि वैज्ञानिक या कृषि विभाग से सलाह जरूर लें।