मुजफ्फरनगर में ईओ पर सफाई कर्मचारियों से वसूली का आरोप, EO बोली- दर्ज कराऊँगी मानहानि का मुकदमा
मुजफ्फरनगर: स्थानीय निकाय सफाई मजदूर संघ ने मुजफ्फरनगर नगर पालिका परिषद की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए बड़ा खुलासा किया है। संघ के पदाधिकारियों ने पालिका परिषद की अधिशासी अधिकारी (ईओ), डॉ. प्रज्ञा सिंह, पर ठेके पर कार्यरत सफाई कर्मचारियों से प्रतिमाह ₹1800 की जबरन वसूली कराने का सनसनीखेज आरोप लगाया है।
भ्रष्टाचार का आरोप और वसूली की प्रक्रिया
स्थानीय मीडिया सेंटर में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान, संघ के जिलाध्यक्ष पराग वाल्मीकि ने बताया कि ईओ के निर्देश पर कुछ दबंग किस्म के युवकों, जिनमें अंकित वाल्मीकि और सागर नामक युवक शामिल हैं, के माध्यम से यह अवैध वसूली की जा रही है। संघ का दावा है कि ये दोनों युवक ₹1800 की निर्धारित राशि के अतिरिक्त, प्रत्येक कर्मचारी से ₹500 अलग से वसूल रहे हैं।
पराग वाल्मीकि ने पालिका प्रशासन को भ्रष्टाचार का अड्डा बताते हुए गंभीर आरोप लगाया कि संबंधित ईओ के खिलाफ लखनऊ नगर निगम में भी भ्रष्टाचार का मामला विचाराधीन है, जिसकी जांच सतर्कता अधिष्ठापन विभाग द्वारा की जा रही है।
संघ की जिलाधिकारी से अपील
सफाई मजदूर संघ ने जिलाधिकारी मुजफ्फरनगर से इस पूरे मामले को अत्यंत गंभीरता से लेने और उच्च-स्तरीय जांच कराने की मांग की है। संघ के प्रांतीय अध्यक्ष ओमीलाल वाल्मीकि, प्रांतीय महामंत्री संजय कुमार उर्फ बिल्लू चौहान, तथा अन्य पदाधिकारियों ने एक स्वर में मांग की है कि सफाई कर्मचारियों के मानसिक और आर्थिक शोषण को तुरंत रोका जाए और इस पूरे नेटवर्क में शामिल दोषियों पर कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।
ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह का खंडन और जवाबी कार्रवाई
नगर पालिका परिषद् मुजफ्फरनगर की अधिशासी अधिकारी (ईओ) डॉ. प्रज्ञा सिंह ने सभी आरोपों का सिरे से खंडन किया है। उन्होंने जिलाध्यक्ष पराग वाल्मीकि पर पलटवार करते हुए कहा कि पराग वाल्मीकि स्वयं पालिका में संविदा सफाई कर्मचारी हैं।
ईओ ने आरोपों को ‘अनर्गल’ बताते हुए कहा कि जिलाध्यक्ष द्वारा पालिका में संघ के लिए अलग कक्ष और लोगों की नियुक्ति की मांग की जा रही थी, जिसे पूरा करना उनके लिए संभव नहीं था। ईओ ने स्पष्ट किया कि इन अनुचित मांगों के अस्वीकार होने के कारण ही वे भ्रम फैलाने वाले आरोप लगा रहे हैं।
जांच का आश्वासन और मानहानि की चेतावनी
ईओ डॉ. प्रज्ञा सिंह ने यह भी आश्वासन दिया कि आरोपों की पारदर्शिता के लिए आंतरिक जांच कराई जाएगी ताकि सच्चाई सामने आ सके। इसके साथ ही उन्होंने कड़ी चेतावनी दी है कि उनके नाम का गलत इस्तेमाल कर झूठे आरोप लगाने वालों के खिलाफ वह मानहानि का मुकदमा दर्ज कराएंगी।
