चेक बाउंस मामले में राम गोपाल वर्मा को कोर्ट से मिली राहत, अदालत ने किया बरी

मुंबई। एक सत्र अदालत ने बॉलीवुड फिल्म निर्देशक राम गोपाल वर्मा को चेक अनादरण (चेक बाउंस) के एक मामले में बरी कर दिया है। अदालत ने हाल ही में लोक अदालत की कार्यवाही के तहत सुनवाई करते हुए उनकी दोषसिद्धि और सजा को रद्द कर दिया।
क्या था मामला?
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2018 में राम गोपाल वर्मा की कंपनी के खिलाफ परक्राम्य लिखत अधिनियम (Negotiable Instruments Act) की धारा 138 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
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सात साल बाद, जनवरी में एक स्थानीय अदालत ने उन्हें इस मामले में दोषी ठहराते हुए तीन महीने के साधारण कारावास की सजा सुनाई थी।
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अदालत ने उन्हें शिकायतकर्ता को 3.72 लाख रुपये का मुआवजा देने का भी आदेश दिया था।
अदालत का फैसला
13 सितंबर को सत्र अदालत ने राम गोपाल वर्मा की अपील को स्वीकार कर लिया। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि समझौता ज्ञापन के मद्देनजर, उन्हें परक्राम्य लिखत अधिनियम की धारा 138 के तहत दंडनीय अपराध से बरी किया जाता है।
यह फैसला ऐसे समय में आया है जब राम गोपाल वर्मा आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं। उनकी फिल्में बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रही हैं और उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान अपना कार्यालय भी बेच दिया था।
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