23 महीने बाद आजम खान की रिहाई आज, सीतापुर जेल से बाहर आते ही बदलेंगे यूपी के सियासी समीकरण

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के कद्दावर नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान करीब 23 महीने बाद मंगलवार सुबह सीतापुर जेल से रिहा होने जा रहे हैं। फरवरी 2020 में गिरफ्तारी के बाद उन्हें पहले रामपुर जेल भेजा गया था, जिसके बाद सुरक्षा कारणों से सीतापुर जेल शिफ्ट किया गया।
रिहाई में हुई देरी, मंगलवार सुबह तय हुई रिहाई
वकीलों ने बताया रिहाई मुमकिन, साजिश का आरोप
आजम खान के वकील इमरानुल्लाह ने पुष्टि की कि हाल ही में शत्रु संपत्ति मामले में नई धाराएं (IPC 467, 471, 201) जोड़ी गई हैं, लेकिन अब तक इन धाराओं में उनकी कस्टडी नहीं ली गई है, इसलिए रिहाई संभव है। वकील ने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया और दावा किया कि सबूतों की कमी के कारण आजम खान को लगभग सभी मामलों में जमानत मिली है।
104 मुकदमे दर्ज, विधायकी खोने का मामला
आजम खान के खिलाफ कुल 104 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से 93 अकेले रामपुर में हैं।
-
इनमें से 12 मुकदमों में फैसला आ चुका है, जिनमें वे कुछ में दोषी ठहराए गए जबकि कुछ में बरी हुए।
-
2022 में भड़काऊ भाषण देने के मामले में कोर्ट ने उन्हें दो साल की सज़ा सुनाई थी, जिसके कारण उनकी विधायकी चली गई।
-
इसके अलावा, लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान अधिकारियों पर अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में उन्हें तीन साल कैद और जुर्माना भी हुआ।
-
आजम खान के पूरे परिवार पर—जिसमें उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम भी शामिल हैं—अब तक 165 मुकदमे दर्ज हो चुके हैं।
सपा के मजबूत स्तंभ, लेकिन चुनाव लड़ने पर संकट
आजम खान समाजवादी पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे हैं। वे चार बार कैबिनेट मंत्री बने और मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी माने जाते थे। उनकी रिहाई के बाद उत्तर प्रदेश के सियासी समीकरणों पर बड़ा असर पड़ना तय है।
हालांकि, वरिष्ठ वकील जुबैर खान के अनुसार, सज़ा होने के कारण आजम खान जेल से बाहर आने के बाद भी 2027 का चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। इसी तरह उनकी पत्नी और बेटे पर भी चुनाव लड़ने का संकट बरकरार है।