भारत-ब्राजील आर्थिक सहयोग को बढ़ावा, कृषि और एग्री-टेक में साझेदारी मजबूत करने का प्रस्ताव

Brazil India Economic: अमेरिका की नई टैरिफ नीतियों से बदलते वैश्विक व्यापार परिदृश्य के बीच ब्राजील ने भारत के साथ आर्थिक और कृषि क्षेत्र में गहरा सहयोग बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। भारत में ब्राजील के राजदूत केनेथ फेलिक्स हजिन्स्की दा नोब्रेगा ने कहा कि यह समय दोनों उभरती ताकतों के लिए अवसर प्रदान करता है। नोब्रेगा ने बताया कि भारत और ब्राजील भरोसेमंद साझेदार हैं और मौजूदा भू-राजनीतिक हालात में और नजदीकी से काम करना आवश्यक है।
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मुख्य आर्थिक सलाहकार का अनुमान: विकास दर 6.8%
देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने कहा कि जीएसटी 2.0 सुधार और बजट में घोषित आयकर राहत का अर्थव्यवस्था पर गुणात्मक असर पड़ेगा। वित्त वर्ष 2026 में विकास दर 6.3 से 6.8% के बीच रहने की उम्मीद है। दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि सात प्रतिशत के करीब रहने का अनुमान है। नागेश्वरन ने बताया कि आयकर और जीएसटी में राहत का संयुक्त प्रभाव 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक होगा।
रियल टाइम भुगतान में वृद्धि और भविष्य की संभावनाएं
भारत में रियल-टाइम अकाउंट-टू-अकाउंट (एटूए) भुगतानों का चलन तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि, अगले पांच वर्षों में इसकी वृद्धि दर सालाना 4% तक धीमी रह सकती है। बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में यूपीआई से हर महीने 19 अरब से अधिक लेनदेन हो रहे हैं। वैश्विक भुगतान राजस्व 2024 में 1.9 लाख करोड़ डॉलर तक पहुंच गया और 2029 तक 2.4 लाख करोड़ डॉलर तक बढ़ने का अनुमान है।
केंद्र का विनिवेश योजना
केंद्र सरकार छह सरकारी कंपनियों में अल्पमत हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रही है। विनिवेश सचिव अरुणीश चावला ने कहा कि योजना तेजी से आगे बढ़ रही है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि किन कंपनियों में हिस्सा बेचना है। इसके तहत यूको बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र सहित कुछ बैंकों में हिस्सेदारी और एलआईसी में भी हिस्सा बेचना शामिल हो सकता है।
आयकर पोर्टल में तकनीकी खराबी और जुर्माना का खतरा
आयकर विभाग के पोर्टल में तकनीकी खराबी के कारण अग्रिम कर भुगतान अस्वीकार किए जाने से कई कंपनियों पर जुर्माना लग सकता है। कंपनियां केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और वित्त मंत्रालय से अनुरोध कर रही हैं कि उन्हें उन भुगतानों पर जुर्माना न लगाया जाए, जो 15 सितंबर या उससे पहले किए गए थे। तकनीकी दिक्कतों की वजह से अग्रिम कर जमा करने में कंपनियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।