चीन का बड़ा फैसला: अब नहीं मांगेगा विकासशील देशों का दर्जा, WTO सुधार की दिशा में अहम कदम

Trump Trade Tariffs: चीन ने घोषणा की है कि वह अब विश्व व्यापार संगठन (WTO) में विकासशील देशों को मिलने वाली विशेष सुविधाओं की मांग नहीं करेगा। यह बदलाव ऐसे समय में आया है जब दुनिया में टैरिफ युद्ध और संरक्षणवादी नीतियों का खतरा बढ़ रहा है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि यह निर्णय वैश्विक व्यापार प्रणाली को मज़बूत करने की दिशा में उठाया गया कदम है।
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WTO में दर्जे से मिलने वाले फायदे
विश्व व्यापार संगठन (WTO) के समझौतों के तहत विकासशील देशों को कई तरह की विशेष सुविधाएं मिलती हैं। इनमें अपने बाजार खोलने की कम आवश्यकता, नीतियों को लागू करने के लिए लंबी अवधि और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में राहत शामिल है। चीन अब इन लाभों को छोड़ रहा है, जो वैश्विक व्यापार सुधार की दिशा में अहम माना जा रहा है।
WTO प्रमुख ने फैसले का स्वागत किया
जिनेवा स्थित विश्व व्यापार संगठन के महानिदेशक नगोजी ओकोन्जो-इवेला ने चीन के इस फैसले को “WTO सुधार के लिए बड़ी खबर” बताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि यह कई वर्षों की मेहनत का परिणाम है और इसके लिए चीन के नेताओं को धन्यवाद दिया।
UN में चीनी प्रधानमंत्री ने किया ऐलान
चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग ने मंगलवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की वार्षिक बैठक में आयोजित एक विकास मंच को संबोधित करते हुए इस फैसले की औपचारिक घोषणा की। उन्होंने कहा कि चीन अब वैश्विक व्यापार सुधार के लिए सक्रिय भूमिका निभाएगा।
विकासशील दुनिया से जुड़ाव जारी रखेगा चीन
हालांकि चीन अब विकासशील देशों का दर्जा नहीं लेगा, लेकिन उसने साफ किया है कि वह विकासशील दुनिया का हिस्सा बना रहेगा। वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि चीन अब भी अन्य देशों के लिए सड़क, रेलवे, बांध और प्रमुख परियोजनाओं के लिए ऋण और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराता रहेगा। इनमें से अधिकांश प्रोजेक्ट चीन की सरकारी कंपनियों द्वारा संचालित किए जाते हैं।