CERC आदेश से पहले लीक हुई अंदरूनी जानकारी, IEX शेयरों में हेरफेर पर सेबी का बड़ा कदम; अवैध कमाई जब्त, खातों पर रोक

Sebi Insider Trading: बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने इंडियन एनर्जी एक्सचेंज लिमिटेड (IEX) के शेयरों में इनसाइडर ट्रेडिंग के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। जांच में खुलासा हुआ कि सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (CERC) के एक अहम आदेश से पहले IEX के शेयरों में संदिग्ध सौदे हुए, जिससे कुछ इकाइयों ने मोटा मुनाफा कमाया। सेबी ने इन लेनदेन को इनसाइडर ट्रेडिंग का मामला मानते हुए कुल ₹173.14 करोड़ की अवैध कमाई जब्त करने का आदेश जारी किया है।
आठ इकाइयों पर लगी रोक, जब्त होंगे बैंक खाते

CERC आदेश से पहले खेले गए संदिग्ध खेल का खुलासा
सेबी की जांच रिपोर्ट में सामने आया कि 23 जुलाई 2025 को CERC द्वारा मार्केट कपलिंग लागू करने का आदेश जारी किया गया था, जो इंडियन एनर्जी एक्सचेंज के लिए नकारात्मक माना जा रहा था। इस आदेश से पहले IEX के शेयरों में अचानक भारी ट्रेडिंग गतिविधि देखी गई। अगले दिन यानी 24 जुलाई को IEX के शेयर करीब 29.58% गिर गए, जिससे इनसाइडर ट्रेडिंग की आशंका और गहरी हो गई।
सर्च-सीजर ऑपरेशन में मिले सबूत
तेजी से हुई गिरावट और असामान्य वॉल्यूम मूवमेंट के बाद सेबी ने सितंबर 2025 में 18 से 20 तारीख के बीच संदिग्ध इकाइयों से जुड़े कई ठिकानों पर सर्च और सीजर ऑपरेशन चलाया। इस दौरान प्राप्त साक्ष्यों से खुलासा हुआ कि कुछ ट्रेडर्स को CERC के अधिकारियों से मार्केट कपलिंग से संबंधित गोपनीय जानकारी पहले ही मिल चुकी थी। इस जानकारी के आधार पर ही उन्होंने IEX के शेयरों में समय से पहले हेरफेर कर फायदा कमाया।
राशि की सुरक्षा हेतु विशेष बैंकिंग प्रक्रिया
सेबी ने स्पष्ट किया है कि जब्त की गई ₹173.14 करोड़ की राशि को उन्हीं इकाइयों के नाम पर फिक्स्ड डिपॉजिट में जमा किया जाएगा। नियामक के पक्ष में दर्ज लियन यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी इकाई बिना अनुमति इस धन को न निकाल सके। यह कदम बाजार में पारदर्शिता बनाए रखने और निवेशकों के विश्वास को मजबूत करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
बाजार में संदेश: “अंदरूनी सौदों के लिए कोई जगह नहीं”
वित्तीय विशेषज्ञों ने इस कार्रवाई को सेबी की सख्त नियामक नीति का उदाहरण बताया है। इनसाइडर ट्रेडिंग लंबे समय से भारतीय बाजारों में एक गंभीर चिंता रही है। इस केस के बाद बाजार को साफ संदेश दिया गया है कि कोई भी इकाई या व्यक्ति अंदरूनी जानकारी का दुरुपयोग कर मुनाफा नहीं कमा सकेगा।