नोएडा। ग्रेटर नोएडा में साइबर अपराधियों ने दो अलग-अलग वारदातों में एक बुजुर्ग और एक विदेशी नागरिक को कुल 1.30 करोड़ रुपये की चपत लगा दी। पहला मामला एक 69 वर्षीय बुजुर्ग का है, जिन्हें “डिजिटल अरेस्ट” की धमकी देकर 40 लाख रुपये ठगे गए। वहीं दूसरा मामला एक दक्षिण कोरियाई नागरिक का है, जो शेयर बाजार में निवेश का झांसा देकर 90 लाख रुपये गंवा बैठे। दोनों ही मामलों में थाना साइबर क्राइम में एफआईआर दर्ज की गई है और पुलिस जांच में जुटी है।
पहला मामला: बुजुर्ग को बनाया गया मनी लॉन्ड्रिंग का आरोपी
डीसीपी साइबर क्राइम प्रीति यादव ने बताया कि ग्रेटर नोएडा की सीनियर सिटिजन होम सोसायटी में रहने वाले ए. लक्ष्मी (69) के पास 12 अगस्त को एक कॉल आया। कॉलर ने दावा किया कि उनके मोबाइल नंबर से अश्लील कॉल की गई है। फिर कथित रूप से उन्हें ट्राई और मुंबई क्राइम ब्रांच के अफसरों से जोड़ा गया।
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चार लोगों ने वीडियो कॉल कर उन्हें धमकाया और कहा कि उनके नाम पर मनी लॉन्ड्रिंग और 2 करोड़ रुपये के सार्वजनिक धन के घोटाले का मामला दर्ज है। साथ ही दावा किया गया कि उन्होंने एक फर्जी एटीएम कार्ड से बैंक खाता खोला है और एक आरोपी से संपर्क में हैं।
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बुजुर्ग को तीन दिनों तक “डिजिटल अरेस्ट” में रखा गया, उनसे आधार कार्ड, बैंक डिटेल, और अन्य निजी जानकारियां ली गईं। फिर उनकी एफडी तुड़वाकर आरोपियों ने 40 लाख रुपये अपने खातों में ट्रांसफर करवा लिए।
दूसरा मामला: शेयर मार्केट में मोटे मुनाफे का लालच
दूसरे मामले में, दक्षिण कोरिया के निवासी सांगसू, जो ग्रेटर नोएडा में कोरियन रेस्टोरेंट चलाते हैं, को व्हाट्सएप के जरिए ठगा गया। एक अंजान व्यक्ति ने उन्हें शेयर बाजार में निवेश कर बड़ा मुनाफा कमाने का लालच दिया और एक व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ दिया।
ग्रुप में पहले से जुड़े लोगों द्वारा झूठे लाभ दिखाकर विश्वास दिलाया गया और उन्हें एक ऐप पर रजिस्ट्रेशन करवाकर पैसे निवेश कराए गए। शुरुआती लाभ के बाद सांगसू ने 5 से 16 अगस्त के बीच कुल 90 लाख रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दिए।
जब उन्होंने पैसे वापस लेने चाहे, तो आरोपियों ने “टैक्स” के नाम पर और रकम मांगी। इंकार करने पर उन्हें ग्रुप से निकाल दिया गया।
पुलिस कार्रवाई:
दोनों मामलों में थाना साइबर क्राइम नोएडा में एफआईआर दर्ज कर ली गई है। पुलिस तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर आरोपियों की पहचान और गिरफ्तारी के प्रयास कर रही है।