बिहार चुनाव: नेताजी का इंतज़ार और छठ का प्रसाद! अररिया में NDA कार्यालय उद्घाटन से पहले महिलाओं ने कुर्सियां ही उठाईं


छठ के प्रसाद के इंतज़ार में सुबह से डटी रहीं महिलाएं
एनडीए (NDA) के चुनावी कार्यालय का उद्घाटन शाम 4 बजे निर्धारित था। हालांकि, नेताजी के आगमन का इंतजार करते हुए, महिलाएं सुबह से ही कार्यालय स्थल पर डेरा डालकर बैठी रहीं। उनका मानना था कि उद्घाटन के अवसर पर उन्हें छठ पूजा के लिए साड़ियां और पूजन सामग्री मिलेगी।
नेताजी की गैरमौजूदगी और गुस्से का पारा
जैसे-जैसे दिन ढलता गया और नेताओं का कोई अता-पता नहीं चला, महिलाओं में निराशा के साथ-साथ गुस्सा भी बढ़ने लगा।
"साड़ी नहीं मिली, तो कुर्सी ही घर ले जाएंगे!"
नाराजगी इस हद तक बढ़ी कि कई महिलाओं ने नारा लगाते हुए ऐलान कर दिया कि जब साड़ी और प्रसाद नहीं मिला, तो वे खाली हाथ नहीं लौटेंगी। रिपोर्ट के अनुसार, कुछ महिलाओं ने सीधे कुर्सियां ही उठानी शुरू कर दीं और माथे पर रखकर ऐसे ले गईं, जैसे वे छठ पूजा का प्रसाद ले जा रही हों।
टेंट हाउस वालों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन भूखे बैठी महिलाओं ने कहा कि उन्होंने सुबह से इंतजार किया है और अब खाली हाथ नहीं लौटेंगी।
यह घटना दर्शाती है कि जब नेताजी वादे पूरे करने में देरी करते हैं, तो जनता अपनी व्यवस्था खुद कर लेती है। ऐसा लगता है जैसे 'नेता नहीं आए, जनता ने शो चला लिया!' बिहार की राजनीति में कुर्सी हमेशा चर्चा में रहती है, लेकिन इस बार कुर्सी चर्चा में नहीं, बल्कि सीधे प्रदर्शनकारियों के घरों में चली गई।
