कांग्रेस का बड़ा शक्ति प्रदर्शन, आजादी के बाद पटना में कांग्रेस कार्य समिति की महत्वपूर्ण बैठक,राहुल गांधी भी पहुंचे

नयी दिल्ली। कांग्रेस की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक आजादी के बाद पहली बार आज बिहार की राजधानी पटना के सदाकत आश्रम में हो रही है।
बिहार कांग्रेस के लिए 24 सितंबर का यह दिन ऐतिहासिक बताया जा रहा है। आज दिन भर चलने वाली इस विस्तारित कार्य समिति की बैठक को बिहार विधानसभा चुनाव के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है। यह बैठक कुछ माह बाद होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर रणनीति बनाने के लिये की जा रही है।
कांग्रेस पार्टी का दावा है कि यह महज एक औपचारिक बैठक नहीं, बल्कि शक्ति प्रदर्शन भी होगा, जिसके जरिए कांग्रेस खुद को बिहार की राजनीति के केंद्र में स्थापित करने की कोशिश करेगी।
इस बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता
राहुल गांधी, वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा समेत 170 से ज्यादा कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता यहां जुटे हैं। कांग्रेस शासित हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी इस बैठक में हिस्सा ले रहे हैं।
कांग्रेस ने इस बैठक को लेकर जो माहौल बनाया है वह 2023 में हैदराबाद में हुयी बैठक जैसा ही है और उस बैठक के बाद कांग्रेस ने तेलंगाना में चुनावी जीत दर्ज की थी। अब वही फॉर्मूला बिहार में आजमाने की तैयारी है।
बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम का कहना है "तेलंगाना की तरह बिहार में भी कांग्रेस सत्ता परिवर्तन करेगी और भाजपा की असलियत को बेनकाब करेगी."
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक से पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने दावा किया कि इस बैठक ने बिहार कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में नया उत्साह भर दिया है। सदाकत आश्रम में लगातार कार्यकर्ता और नेता जुट रहे हैं। उनका मानना है कि शीर्ष नेताओं की मौजूदगी और इस विशाल आयोजन से पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूती मिलेगी।
बिहार में कांग्रेस लंबे समय से हाशिए पर रही है। गठबंधन की राजनीति में अक्सर वह दूसरे पायदान पर सिमट जाती है। पटना की इस बैठक के जरिए कांग्रेस यह संदेश देना चाहती है कि वह खुद को निर्णायक शक्ति के रूप में पेश करेगी। तेलंगाना का उदाहरण पार्टी के सामने है और अब वह बिहार में उसी राह पर आगे बढ़ना चाहती है।
उल्लेखनीय है बिहार विधानसभा चुनाव इस वर्ष नवंबर में होने हैं। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है इसीलिए आज़ादी के बाद पहली बार कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक पटना में आयोजित की गयी है। इस बैठक से पहले गांधी ने बिहार में "वोटर अधिकार यात्रा" निकाली थी वहीं बैठक के बाद कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा बिहार में चुनाव प्रचार का आग़ाज़ करेंगी।
बैठक में भाग लेने आए हिमाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इस साल बिहार में चुनाव होने वाला है। यहां उस चुनाव को लेकर रणनीतियों पर विचार किया जाएगा।
कांग्रेस के नेता सचिन पायलट ने कहा कि बिहार देश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण राज्य है। बहुत लंबे समय के बाद ऐतिहासिक धरती पर कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हो रही है। आने वाले समय में न केवल कांग्रेस पार्टी की, बल्कि प्रदेश की राजनीति की दिशा इस बैठक में तय होगी। उन्होंने कहा कि इस बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा होगी। निश्चित रूप से बिहार में चुनाव है और यह मुख्य मुद्दा रहेगा। कांग्रेस पूरी ताकत से विधानसभा चुनाव में उतर रही है। बिहार की जनता बदलाव चाह रही है। पिछले काफी वर्षों से जो हाल है, उससे जनता त्रस्त है और बदलाव पर उतारू है। विश्वास है कि महागठबंधन प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाएगी। मुख्यमंत्री उम्मीदवार को लेकर उन्होंने कहा कि हम लोग मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। पहले चुनाव की घोषणा होने दीजिए, सब कुछ तय हो जाएगा।
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि यह ऐतिहासिक धरती है। यह एक बदलाव है। यह ऐतिहासिक क्षण है। बिहार की पवित्र धरती, बिहार की क्रांतिकारी धरती, पटना की ऐतिहासिक धरती से पूरे देश में 'वोट चोरी' का मैसेज गया है। राहुल गांधी ने यहीं से इसकी शुरुआत की है। भारत के युवा, किसान, गरीब, भारत का एक-एक नागरिक यह मैसेज दे रहा है, यह एहसास कर रहा है कि भविष्य का भारत राहुल गांधी के नेतृत्व में चलने वाला है।