भारतीय नौसेना का सेशेल्स दौरा: पेशेवर गतिविधियों और समुद्री सहयोग पर जोर

नई दिल्ली। भारतीय नौसेना के प्रथम प्रशिक्षण स्क्वाड्रन के समुद्री जहाजों ने सेशेल्स की राजधानी पोर्ट विक्टोरिया का दौरा किया है। अब यह समुद्री यात्रा पूरी होने पर ये समुद्री जहाज विक्टोरिया से रवाना हो गए हैं। ये भारतीय नौसैनिक जहाज लॉंग रेंज ट्रेनिंग डिप्लॉयमेंट के तहत विक्टोरिया गए थे।
पोर्ट कॉल के दौरान नौसेना के सीनियर ऑफिसर कैप्टन टिजो के जोसेफ और आईएनएस शार्दूल और आईसीजीएस सारथी के कमांडिंग ऑफिसर्स ने सेशेल्स के विदेश और पर्यटन मंत्री से मुलाकात की। इन भारतीय अधिकारियों ने यहां सेशेल्स डिफेंस फोर्स के चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज मेजर जनरल माइकल रोसेट के साथ भी चर्चा की है। इस दौरान भारत और सेशेल्स के बीच स्थायी साझेदारी तथा दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग को और मजबूत करने पर जोर दिया गया। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक नौसेना के जहाजों पर डेक रिसेप्शन का आयोजन किया गया, जिसमें सेशेल्स डिफेंस फोर्स के वरिष्ठ अधिकारी, भारतीय प्रवासी, राजनयिक और अन्य गणमान्य अतिथि शामिल हुए। मेजर जनरल माइकल रोसेट ने क्षेत्रीय समुद्री सहयोग को मजबूत करने में भारतीय नौसेना की भूमिका की सराहना की और द्विपक्षीय रिश्तों को और प्रगाढ़ बनाने की सेशेल्स की प्रतिबद्धता दोहराई।
यात्रा के दौरान संयुक्त योग सत्रों में स्थानीय नागरिकों और भारतीय प्रवासियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। भारतीय नौसेना बैंड ने विक्टोरिया टाउन क्लॉक टॉवर पर शानदार प्रस्तुति दी, जिसकी स्थानीय नागरिकों ने खूब सराहना की। इसके अलावा, भारतीय नौसेना और सेशेल्स डिफेंस फोर्स कर्मियों के बीच मैत्रीपूर्ण फुटबॉल मैच भी खेला गया। ऐसे आयोजनों ने दोनों सेनाओं के बीच आपसी सौहार्द को और बढ़ाया। सामुदायिक कार्यक्रम के तहत भारतीय नौसेना द्वारा यहां पॉइंट लार्यू स्थित वृद्धाश्रम में आवश्यक सामग्री और स्वास्थ्य जांच सेवाएं प्रदान की गईं। भारतीय नौसैनिक प्रशिक्षुओं ने सेशेल्स कोस्ट गार्ड बेस और मैरीटाइम ट्रेनिंग एंड सपोर्ट सेंटर का दौरा किया।
क्रॉस-ट्रेनिंग कार्यक्रम के तहत सेशेल्स डिफेंस फोर्स कर्मियों को छोटे हथियारों के संचालन और अग्निशमन का प्रशिक्षण भारतीय जहाजों पर दिया गया। इसके साथ ही, सेशेल्स में मौजूद स्पेनिश नौसेना के जहाज के साथ भी पेशेवर वार्तालाप हुए। यह दौरा भारत और सेशेल्स के बीच मित्रता के गहरे संबंधों को और मजबूत करता है। यह यात्रा भारतीय नौसेना की इस प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है कि वह 'महा-सागर' की परिकल्पना के अनुरूप क्षेत्रीय साझेदारी और समुद्री सहयोग को बढ़ावा देती रहेगी।