पूर्व मंत्री डीपी यादव के बेटे विकास यादव की हर्षिका से सादे समारोह में शादी संपन्न, पैरोल पर बाहर आकर की शादी

नोएडा। उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और चर्चित उद्योगपति डीपी यादव के बड़े बेटे विकास यादव ने शुक्रवार को सादे समारोह में हर्षिका यादव के साथ शादी रचा ली। यह विवाह गाज़ियाबाद के राजनगर स्थित उनके निजी आवास पर पारिवारिक और नजदीकी रिश्तेदारों की उपस्थिति में आर्य समाज की विधि-विधान से सम्पन्न हुआ। विकास यादव इस समय पैरोल पर हैं और शादी का यह आयोजन सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए सादे तरीके से किया गया।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत हुआ आयोजन
विकास यादव, जो कि नीतीश कटारा हत्याकांड में दोषी ठहराए गए हैं, इस समय अपनी मां पूर्व विधायक उमलेश देवी की तबीयत खराब होने के चलते 24 अप्रैल से पैरोल पर हैं। उनकी मां का इलाज गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल में चल रहा है, जहां उनकी रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन भी हुआ है। ऐसे में उनकी देखभाल के लिए विकास को पैरोल मिला और इसी दौरान उन्होंने विवाह करने का निर्णय लिया।
पूर्व में यह विवाह समारोह कासगंज स्थित न्योली शुगर मिल में आयोजित होने वाला था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को ध्यान में रखते हुए इसे गाजियाबाद स्थित पारिवारिक निवास पर ही आयोजित किया गया।
डीपी यादव बोले – आर्य समाज की परंपरा से हुआ विवाह
पूर्व सांसद डीपी यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनके परिवार में आर्य समाज की परंपरा को मान्यता दी जाती है और सभी शुभ कार्य उसी के अनुसार किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि विकास और हर्षिका की शादी भी आर्य समाज की विधियों के तहत दोपहर को सम्पन्न हुई।
विकास यादव का बयान – कोर्ट पर पूरा भरोसा
विकास यादव ने अपने बयान में कहा कि उन्हें भारतीय न्यायालय पर पूर्ण विश्वास है। उनकी पैरोल उनकी माताजी की गंभीर स्थिति को देखते हुए दी गई है और उसी का आदर करते हुए उन्होंने शादी को गाजियाबाद में सीमित लोगों की मौजूदगी में संपन्न किया। उन्होंने कहा कि विवाह की तैयारियां पहले किसी और स्थान पर थीं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के तहत उन्होंने योजना बदली और इस आयोजन को सादगी से निपटाया।
पारिवारिक पृष्ठभूमि भी आई चर्चा में
हर्षिका यादव के पिताजी उदयराज सिंह एक शैक्षिक संस्थान में प्रधानाचार्य हैं और वह मुलायम सिंह यादव के परिवार से संबंध रखते हैं। बताया जा रहा है कि मुलायम सिंह का मूल गांव यही था, लेकिन बाद में उन्होंने अपनी जमीन परिजन उदयराज सिंह के परिवार को सौंप दी थी और सैफई चले गए थे।
शादी को लेकर कोई औपचारिक निमंत्रण या सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं रखा गया था। केवल करीबी रिश्तेदारों और पारिवारिक सदस्यों की मौजूदगी में यह आयोजन हुआ।
विकास यादव की यह शादी कानूनी, राजनीतिक और सामाजिक दृष्टि से कई मायनों में चर्चा का विषय बन गई है। जहां एक ओर यह विवाह सादगी और कोर्ट की शर्तों के पालन के चलते सुर्खियों में है, वहीं दूसरी ओर दोनों परिवारों की सामाजिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि ने भी इसे विशेष महत्व दे दिया है।