सीएम मोहन यादव ने बिहार के बगहा-सहरसा-सिकटा में किया जोरदार प्रचार

कांग्रेस और महागठबंधन पर आरोपों की झड़ी

परिवारवाद और जनप्रतिनिधियों की अनदेखी पर तीखा प्रहार
डॉ. यादव ने कांग्रेस नेताओं के परिवारवाद को उजागर करते हुए कहा कि एक ही परिवार से प्रधानमंत्री और पार्टी अध्यक्ष होना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं। उन्होंने भाजपा के 'सबका साथ, सबका विकास' मंत्र की सफलता को उदाहरण के रूप में पेश किया और कहा कि उनके घर से कोई विधायक, सांसद या मंत्री नहीं है, बावजूद इसके उन्हें मुख्यमंत्री का पद मिला।
महागठबंधन को 'महाठगबंधन' करार
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता को यह निर्णय करना है कि वह लायक उम्मीदवार को चुने या नालायक को। उन्होंने महागठबंधन की भाषा और उनके कामकाज को जनता के अपमान के रूप में बताया। उन्होंने एनडीए को मजबूत करने और विपक्ष को सत्ता से बाहर रखने की अपील की।
बिहार की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का जिक्र
डॉ. यादव ने कहा कि बिहार का भगवान राम और मां सीता से विशेष संबंध है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में बिहार की सांस्कृतिक विरासत को सहेजा जा रहा है और भगवान राम के भव्य मंदिर के निर्माण में सुप्रीम कोर्ट का फैसला इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
भगवान कृष्ण के जीवन से प्रेरणा लेकर गरीब और मित्रों की मदद पर जोर
सीएम ने भगवान कृष्ण और सुदामा की मित्रता का उदाहरण देते हुए कहा कि गरीब मित्रों को मदद करना चाहिए और उनकी स्थिति समझकर उन्हें सहारा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जीवन में सच्चे मित्रों के लिए मदद का अवसर कभी नहीं खोना चाहिए, क्योंकि यही नैतिकता और नेतृत्व का सच्चा आधार है।
बिहार के विकास और प्रधानमंत्री मोदी की सराहना
डॉ. यादव ने बिहार में आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर और इंजीनियरों के योगदान का उदाहरण दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के गरीबों के प्रति प्रेम और लोकतंत्र में उनकी सक्रिय भागीदारी की सराहना की। उन्होंने कहा कि मोदी ने गरीब आदमी को भी शक्ति दी है, जिससे वे लोकतंत्र में अपनी भूमिका निभा रहे हैं।
