Rajasthan News: राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) के सचिव के नाम से सोशल मीडिया पर फर्जी पोस्ट डालने का मामला सामने आया है। इस मामले को लेकर सचिव रामनिवास मेहता ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें आयोग की प्रतिष्ठा को क्षति पहुंचाने का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर गहन जांच शुरू कर दी है।
बनी जांच का केंद्र
शिकायत में बताया गया है कि आयोग ने 15 अक्टूबर 2025 को RAS परीक्षा 2023 का अंतिम परिणाम जारी कर आयोग की वेबसाइट पर अपलोड किया था। लेकिन अगले ही दिन, यानी 16 अक्टूबर को किसी अज्ञात व्यक्ति ने आयोग सचिव के हस्ताक्षर के फर्जी प्रतीक के साथ एक झूठी पोस्ट सोशल मीडिया पर प्रसारित कर दी। यह पोस्ट न केवल भ्रामक थी, बल्कि संस्था की साख को भी धूमिल करने का प्रयास था। RAS परीक्षा परिणाम के बाद नकली दस्तावेज बनाकर ‘आयोग’ के नाम पर भ्रम फैलाया गया।
फर्जीवाड़े में लगी कानूनी धाराएं
आरोप में कहा गया है कि फर्जी पोस्ट डालने वाले ने जाली रिकॉर्ड तैयार कर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने और लोकशांति भंग करने का प्रयास किया। पुलिस ने इस कृत्य को भारतीय न्याय संहिता, 2023 की कई धाराओं के तहत दर्ज किया है।
प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वालों पर लगे संगीन आरोप - IPC की जगह लागू हुई नई धाराएं
- धारा 319(2): सचिव के नाम से प्रतिरूपण कर जाली दस्तावेज तैयार करना - अधिकतम 5 वर्ष तक की सजा।
- धारा 336(2): जाली दस्तावेज बनाना - अधिकतम 2 वर्ष का कारावास।
- धारा 336(4): आयोग की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की नियत से जालसाजी - 3 वर्ष तक की सजा।
- धारा 356(2): शब्द, संकेत, चित्र या लेख के माध्यम से अपमानजनक प्रचार - 3 वर्ष तक की सजा।
- धारा 352: लोकशांति भंग करने के उद्देश्य से अफवाह फैलाना - 2 वर्ष तक का कारावास।
पुलिस जांच शुरू
एफआईआर नंबर 0301 दिनांक 24 अक्टूबर 2025 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। जांच का दायित्व सहायक उपनिरीक्षक चाँद सिंह को सौंपा गया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, पोस्ट के डिजिटल फिंगरप्रिंट और स्रोत की पड़ताल के लिए साइबर क्राइम यूनिट की मदद ली जाएगी।
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