प्रयागराज। प्रयागराज में उस वक्त सियासी और प्रशासनिक हलचल तेज हो गई, जब जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में डीएम एक विवादित संत सतुआ बाबा के शिविर में चूल्हे पर रोटी बनाते नजर आए। वीडियो के सामने आते ही मामला लखनऊ तक पहुंचा और अब इस पर उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कड़ा रुख अपनाया है।उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने प्रयागराज के जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा को सतुआ बाबा उर्फ संतोष दास से जुड़े मामले को लेकर कड़ी फटकार लगाई है। डिप्टी सीएम ने दो टूक शब्दों में कहा कि अधिकारी ऐसे विवादित व्यक्तियों और गतिविधियों से दूरी बनाए रखें और अपनी प्रशासनिक जिम्मेदारियों पर पूरा ध्यान दें।
दरअसल, बीते दिनों डीएम मनीष कुमार वर्मा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था, जिसमें वह सतुआ बाबा के शिविर में चूल्हे पर रोटी बनाते दिखाई दे रहे थे। इस वीडियो के वायरल होते ही प्रशासनिक मर्यादा और निष्पक्षता को लेकर सवाल खड़े हो गए।इस मामले पर नाराजगी जाहिर करते हुए डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने डीएम को स्पष्ट नसीहत दी कि वे “सतुआ बाबा के चक्कर में न पड़ें” और इस तरह की गतिविधियों से खुद को अलग रखें। उन्होंने कहा कि प्रशासन का काम किसी एक व्यक्ति या संत को विशेष महत्व देना नहीं, बल्कि सभी के साथ समान व्यवहार करना है।डिप्टी सीएम ने यह भी कहा कि मेले में कई ऐसे साधु-संत और अखाड़े हैं, जिन्हें अब तक न तो जमीन आवंटित की गई है और न ही मूलभूत सुविधाएं मिल पाई हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह पहले उन संतों और संस्थाओं की समस्याओं का समाधान करे, जो लंबे समय से सुविधाओं से वंचित हैं।डिप्टी सीएम की फटकार के बाद प्रयागराज प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है। माना जा रहा है कि अब मेले की व्यवस्थाओं की समीक्षा की जाएगी और संतों को दी जा रही सुविधाओं में संतुलन लाने के निर्देश दिए जाएंगे, ताकि भविष्य में इस तरह के विवाद दोबारा न हों।