लखनऊ मेयर vs नगर आयुक्त: अधिकारों की टक्कर और प्रशासन की चुनौतियाँ
 
                 
              
                लखनऊ। नगर निगम की उच्चस्तरीय बैठक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें लखनऊ की मेयर सुषमा खारवाल और नगर आयुक्त गौरव कुमार आमने-सामने खड़े दिखाई दे रहे हैं। बैठक के दौरान दोनों के बीच तीखी बहस और सवाल-जवाब का दौर चला। वीडियो में साफ-साफ दिख रहा है कि मुद्दा केवल नगर निगम की योजनाओं का नहीं, बल्कि अधिकार क्षेत्र की परिभाषा का भी है — आखिर फैसला किसका चलेगा, मेयर का या आयुक्त का?
वहीं नगर आयुक्त गौरव कुमार, जो 2018 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और हाल ही में लखनऊ नगर निगम का कार्यभार संभाला है, ने कहा कि प्रशासनिक फैसले और नीतियों के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी उनकी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि निगम की योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए सहयोग और समन्वय आवश्यक है।
बैठक के दौरान माहौल कई बार तनावपूर्ण भी दिखा। अफसरों के बीच यह सवाल गूंजता रहा कि जब आदेश और निर्णय की रेखाएं स्पष्ट नहीं हैं, तब जिम्मेदारी तय कैसे होगी।
जानकारों का कहना है कि यह टकराव दरअसल “अधिकार बनाम जवाबदेही” की बहस को सामने लाता है — मेयर का कहना है कि नगर निगम जनता के प्रति जवाबदेह है, जबकि आयुक्त प्रशासनिक कार्यवाही के लिए उत्तरदायी हैं।
वायरल वीडियो ने अब राजनीतिक हलकों में भी चर्चा छेड़ दी है। लोग इसे स्थानीय शासन प्रणाली की वास्तविक चुनौतियों से जोड़कर देख रहे हैं — जहां सत्ता, जिम्मेदारी और अधिकारों की सीमाएं अक्सर एक-दूसरे से टकरा जाती हैं।

 
             
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