प्रेमानंद महाराज से मिलने के लिए 1 साल की वेटिंग, जानिए क्यों हैं इतने खास

मथुरा। वृंदावन में स्थित प्रेमानंद महाराज की आध्यात्मिक ऊर्जा और जीवन शैली से प्रेरित होकर, देश-विदेश से हजारों श्रद्धालु उनसे मिलने की कामना लेकर पहुंचते हैं। लेकिन सच यह है कि प्रेमानंद महाराज से मिलना इतना आसान नहीं है। उनकी लोकप्रियता इतनी बढ़ चुकी है कि उनसे मिलने की वेटिंग लिस्ट एक साल से भी अधिक की हो गई है।
विराट-अनुष्का से लेकर शिल्पा-राज तक हैं भक्त
प्रेमानंद जी महाराज के भक्तों में कई जानी-मानी हस्तियां भी शामिल हैं। विराट कोहली और अनुष्का शर्मा उनके नियमित दर्शनार्थी हैं। दोनों ही वृंदावन स्थित उनके आश्रम में निजी समय बिताते देखे गए हैं।
हाल ही में शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा भी प्रेमानंद महाराज से मिलने पहुंचे। राज कुंद्रा ने एक इंटरव्यू में बताया कि यह मुलाकात उनके जीवन की सबसे बड़ी सीख रही। उन्होंने बताया कि प्रेमानंद जी पिछले 20 वर्षों से दोनों खराब किडनी के साथ जी रहे हैं, और रोजाना 5 घंटे की डायलिसिस करवाते हैं। इसके बावजूद, उनके चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहती है, और यही उनकी सबसे बड़ी शक्ति है।
राज कुंद्रा ने बताया कि गुरुजी से मिलकर वे इतने भावुक हो गए कि कुछ बोल ही नहीं पाए। उन्होंने उन्हें अपनी एक किडनी देने तक की इच्छा जताई। उनके अनुसार, प्रेमानंद जी का जीवन ही दूसरों के लिए एक संदेश है—कि संकट में भी मुस्कुराना और दूसरों को उम्मीद देना ही असली अध्यात्म है।
कौन हैं प्रेमानंद महाराज?
प्रेमानंद जी महाराज का जन्म वर्ष 1969 में उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के अखारी गांव में हुआ था। उनका मूल नाम अनिरुद्ध कुमार पांडेय है। उनके पिता का नाम शंभू पांडेय और माता का नाम रमा देवी है।
उन्होंने 13 साल की उम्र में ही गृह त्याग कर संन्यास ले लिया। उनका आध्यात्मिक झुकाव बचपन से ही था। उनके गुरु श्री गौरांगी शरण थे, जिनके मार्गदर्शन में उन्होंने भक्ति और तप की राह अपनाई।
क्यों मुश्किल है उनसे मिलना?
प्रेमानंद जी महाराज की दिनचर्या बेहद अनुशासित है। वे ध्यान, प्रवचन और सीमित मुलाकातों के बीच संतुलन बनाए रखते हैं। वे एक दिन में 50-60 लोगों से अधिक नहीं मिलते, ताकि हर व्यक्ति को समय और ध्यान मिल सके।
इसलिए उनसे मिलने के लिए पूर्व अनुमति और लंबा इंतजार जरूरी है। कई लोग एक साल पहले से नाम दर्ज करवाते हैं। इसके बावजूद, किसी-किसी को व्यक्तिगत दर्शन का अवसर नहीं मिल पाता।
क्या है उनकी लोकप्रियता का कारण?
उनकी सादगी, गंभीर आध्यात्मिक दृष्टिकोण और जीवन की कठिनाइयों में भी मुस्कराने की प्रेरणा ही लोगों को उनकी ओर खींचती है। वे किसी प्रचार के पीछे नहीं भागते, लेकिन फिर भी उनका संदेश सोशल मीडिया और श्रद्धालुओं के माध्यम से दूर-दूर तक फैलता जा रहा है।