संभल में साधु-संतों की SIR पर खुली मुहर: सुधांशु महाराज बोले-जो इस देश के नहीं, उनसे कोई लेना-देना नहीं
Sambhal News: संभल के थाना ऐंचौड़ा कम्बोह गांव स्थित श्रीकल्कि धाम में आयोजित श्रीकल्कि कथा के दौरान साधु-संतों ने SIR के समर्थन में जोरदार बयान दिए। विश्व जागृति मिशन के परमाध्यक्ष स्वामी सुधांशु महाराज ने कथा को एक विशाल यज्ञ बताया, जिसकी सुगंध-उनके अनुसार- पूरे संसार में फैल रही है।
धार्मिक पहचान और सांस्कृतिक विरासत पर जोर
राजनीतिक हलचल के बीच साधु-संतों का रुख स्पष्ट
SIR का विरोध कर रहे विपक्ष पर उन्होंने कहा कि इस योजना को रोकने की कोशिशें देश के लिए हानिकारक हैं। उनका दावा था कि SIR भारत की शक्ति और भविष्य दोनों को मजबूत करेगा और इसका विरोध करना किसी भी रूप में उचित नहीं है।
राष्ट्रीय हित में कठोर कदमों की वकालत
उन्होंने स्पष्ट कहा कि जो लोग देश का सम्मान नहीं करते, इसकी संस्कृति और परंपरा को नहीं मानते, और भारत को अपना राष्ट्र नहीं मानते, उनसे कोई संबंध नहीं रखा जाना चाहिए। उनके अनुसार, ऐसे लोगों की पहचान और छंटनी अनिवार्य है।
लोकतांत्रिक प्रक्रिया में स्वच्छता की मांग
सुधांशु महाराज ने आरोप लगाया कि कुछ लोग बाहर से आकर वोट देकर राजनीति को प्रभावित करते हैं। उन्होंने कहा कि यह प्रवृत्ति देशहित के खिलाफ है और इसका “निस्तारण” होना चाहिए, ताकि लोकतंत्र स्वस्थ और निष्पक्ष रह सके।
प्रधानमंत्री पर भरोसा और राजनीतिक संदेश
उन्होंने कहा कि विरोध प्रदर्शन होते रहेंगे, लेकिन केंद्र सरकार की नीतियां जनता के हित में हैं और प्रधानमंत्री मोदी तथा अन्य निर्णय-कर्ता देश के लिए जो भी कदम उठाते हैं, वे पूरा होकर ही रहते हैं।
धार्मिक नेतृत्व का एकजुट रुख
श्रीकल्कि कथा में शामिल साधु-संतों ने SIR का जमकर समर्थन किया। जगद्गुरु रामभद्राचार्य सहित कई संतों ने कहा कि इस योजना का विरोध करने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि देशहित में चल रहा कार्य किसी भी बाधा के बावजूद आगे बढ़ता रहेगा।
