शामली में बच्चियों ने संभाली 'जिलाधिकारी' की कुर्सी, डीएम समेत कई पदों पर किया काम

शामली। शासन के निर्देशानुसार, "मिशन शक्ति 5.0" के तहत महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए एक अनूठी पहल की गई। इस पहल के तहत, जनपद के परिषदीय विद्यालयों की मेधावी छात्राओं को एक दिन के लिए उच्च प्रशासनिक पदों पर आसीन किया गया। इसका उद्देश्य छात्राओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करना था।
रिया बनीं एक दिन की सांकेतिक जिलाधिकारी
इस अवसर पर, जिलाधिकारी ने कहा कि "मिशन शक्ति" कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है और रिया को सांकेतिक जिलाधिकारी बनाकर जनपद की अन्य बच्चियों को एक शुभ संदेश दिया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस तरह के कार्यक्रम से अन्य छात्राओं को भी प्रेरणा मिलेगी।
अन्य छात्राओं ने भी संभाली जिम्मेदारी
इसी तरह, अन्य छात्राओं को भी विभिन्न विभागों में एक दिन के लिए 'अधिकारी' बनने का अवसर मिला:
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कुमारी सुहानी (कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, बनत) ने मुख्य विकास अधिकारी (CDO) की जिम्मेदारी संभाली।
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कुमारी सिया (कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, बनत) जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) बनीं।
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कुमारी नैना एक दिन के लिए खंड शिक्षा अधिकारी बनीं।
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कक्षा 8 की छात्रा कुमारी सानिया (कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय, भभीसा) को एक दिन के लिए खंड शिक्षा अधिकारी कांधला बनाया गया। उन्होंने कार्यालय के अभिलेखों का अवलोकन किया और "ऑपरेशन कायाकल्प" के अंतर्गत 19 मापदंडों की प्रगति की समीक्षा की।
इस आयोजन से यह स्पष्ट हुआ कि इन छात्राओं में प्रशासनिक कार्यों को समझने और भविष्य में बड़े पद पर कार्य करने की पूरी लगन और क्षमता है।
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