सरकार का ‘महंगा’ तोहफा: 20 साल तक चला सकेंगे पुरानी गाड़ी, लेकिन रजिस्ट्रेशन फीस देख उड़ जाएंगे होश!

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देशभर के वाहन मालिकों को बड़ी राहत देते हुए अब 20 साल तक पुराने वाहनों को चलाने की अनुमति दे दी है। इसके लिए मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन कर नया नियम लागू कर दिया गया है। हालांकि राहत के साथ सरकार ने एक बड़ा झटका भी दिया है। पुराने […]
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने देशभर के वाहन मालिकों को बड़ी राहत देते हुए अब 20 साल तक पुराने वाहनों को चलाने की अनुमति दे दी है। इसके लिए मोटर वाहन अधिनियम में संशोधन कर नया नियम लागू कर दिया गया है। हालांकि राहत के साथ सरकार ने एक बड़ा झटका भी दिया है। पुराने वाहनों के रजिस्ट्रेशन रिन्यूअल की फीस अब कई गुना बढ़ा दी गई है, जिससे वाहन मालिकों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा।
नए नियम पूरे देश में लागू होंगे, लेकिन दिल्ली-एनसीआर को इससे बाहर रखा गया है। इसका कारण क्षेत्र में पहले से लागू पर्यावरणीय नियम हैं, जहां 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध है।
केंद्र सरकार के नए नियमों के अनुसार अब 20 साल से अधिक पुराने दोपहिया, तीनपहिया और चारपहिया वाहनों का रजिस्ट्रेशन नवीनीकरण संभव हो सकेगा। लेकिन इसके लिए रजिस्ट्रेशन फीस इस प्रकार तय की गई है: मोटरसाइकिल के लिए दो हजार रुपये, तीनपहिया और क्वाड्रिसाइकिल के लिए पांच हजार रुपये, हल्के चारपहिया वाहनों (कार आदि) के लिए दस हजार रुपये, आयातित दो और तीनपहिया वाहनों के लिए बीस हजार रुपये तथा आयातित चारपहिया या उससे अधिक बड़े वाहनों के लिए अस्सी हजार रुपये। भारी वाहनों पर बारह हजार रुपये शुल्क तय किया गया है। इस राशि में जीएसटी शामिल नहीं है, जो अलग से देना होगा।
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सरकार का तर्क है कि यह कदम स्वेच्छा से पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को हटाने की दिशा में उठाया गया है। इससे स्क्रैपिंग नीति को भी बढ़ावा मिलेगा और वाहन उद्योग में नई तकनीक वाले क्लीन वाहनों को प्रोत्साहन मिलेगा। हालांकि, वाहन मालिकों का कहना है कि यह राहत कम और बोझ ज्यादा है, क्योंकि उन्हें अपने पुराने वाहनों को बनाए रखने के लिए अब भारी भरकम रजिस्ट्रेशन फीस चुकानी होगी।
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दिल्ली-एनसीआर को इस नीति से बाहर रखने का प्रमुख कारण क्षेत्र में वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति है। यहां पुराने वाहनों को चलाने पर पहले से ही प्रतिबंध लागू है, इसलिए यह नया नियम यहां लागू नहीं होगा। लेकिन देश के अन्य हिस्सों में, जहां अभी भी लाखों पुराने वाहन चल रहे हैं, वहां यह नियम तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है।
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सड़क परिवहन मंत्रालय का कहना है कि इससे न केवल नागरिकों को सुविधा मिलेगी, बल्कि कानूनी ढांचे के भीतर रहकर वे अपने पुराने वाहनों का उपयोग कर सकेंगे। वहीं दूसरी ओर, बढ़ी हुई फीस से सरकार को राजस्व मिलेगा और पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य को भी बल मिलेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को इस कदम के साथ-साथ स्क्रैपिंग सेंटर बढ़ाने और नई गाड़ियों की खरीद पर इंसेंटिव जैसी योजनाएं भी लागू करनी चाहिए, ताकि आम जनता के लिए यह नीति व्यावहारिक बन सके।
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