ट्रम्प रुस से तेल खरीदने के मामले में भारत पर और भी फैसले की सोच रहे हैं: रूबियो

नयी दिल्ली/ न्यूयार्क-अमेरिका के विदेश मंत्री मार्का रूबियो ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प रूस से कच्चा तेल खरीदने के मामले में भारत पर की गयी कार्रवाई के बारे में और कदम उठाने की क्षमता रखते हैं और इस मामले ने जो नयी दिशा ली है उसके कारण वह 'और भी कदम उठाने का विचार कर रहे हैं।'
श्री रूबियो ने यह भी कहा कि अमेरिका आशा करता है कि भारत विरुद्ध जो भी कार्रवाई की गयी है उसे ठीक किया जा सकता । संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक के सिलसिले में न्यूयार्क आए श्री रूबियो ने समाचार चैलन एनबीसी के साथ बातचीत में कहा , ' भारत के खिलाफ हमने जो कुछ किया है वह हमारे सामने है, यद्यपि हम यह भी उम्मीद करते हैं कि हम इसे ठीक भी कर सकते हैं। लेकिन- और राष्ट्रपति और भी कदम उठाने में समर्थ हैं और वह इसके लिए सोच भी रहे हैं क्यों कि यह एक दिशा में चला गया है।'
श्री रूबियों की इस बातचीत का पाठ विदेश विभाग ने जारी किया है। उन्होंने इस बातचीत में उस राग को भी फिर छेड़ा कि श्री ट्रम्प ने भारत और पाकिस्तान की लड़ाई समाप्त करवायी। उन्होंने कहा कि देखिये राष्ट्रपति ने कैसे काम किये हैं , लड़ाइयां रोकवाई हैं– थाललैंड और कबोडिया की , भारत और पाकिस्तान की। हर बार राष्ट्रपति (ट्रम्प) ही दुनिया में एक ऐसे नेता है जो हस्तक्षेप कर सकते हैं।' उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल अमेरिका है जो रूस और उक्रेन दोनों से बात कर सकता है।
उन्होंने बातचीत में यह भी कहा कि यूरोपीय देशों को रूस से तेल खरीदने वालों के खिलाफ पाबंदिया लगानी चाहिए। उन्होंने कहा, ' यह महत्वपूर्ण है कि यूरोप जो यह चाहता है कि अमेरिका पाबंदियां बढ़ाये लेकिन मेरी राय है कि यूरोप की और से पर्याप्त कदम नहीं उठाये जा रहे हैं।'
रुबियो ने ये बातेंं ऐसे समय की हैं जबकि सोमवार को उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ एक बैठक में कहा था कि भारत, अमेरिका के लिए "अत्यंत महत्वपूर्ण" संबंध है। उन्होंने व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, फार्मास्यूटिकल्स, महत्वपूर्ण खनिजों और द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े अन्य मुद्दों सहित कई मुद्दों पर भारत सरकार की निरंतर भागीदारी की सराहना की।
अमेरिकी विदेश विभाग द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि दोनों इस बात पर भी सहमत हुए कि दोनों देश क्वाड सहित एक स्वतंत्र और मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे। पिछले महीने ट्रंप प्रशासन द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने के बाद दोनों विदेश मंत्रियों की यह आमने-सामने की पहली बैठक थी। यह बैठक ट्रंप सरकार द्वारा एच-1बी वीजा के नए आवेदकों के लिए वीजा शुल्क बढ़ाकर 100,000 डॉलर करने के फैसले के बाद हुई है।
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