महाराष्ट्र में बाढ़ का कहर: 8 लोगों की मौत, 10 लोग घायल, 2215 करोड़ की राहत राशि घोषित

मुंबई। महाराष्ट्र में मूसलाधार बारिश के कारण उत्पन्न बाढ़ ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को मुंबई में बताया कि पिछले 24 घंटों में बाढ़ से 8 लोगों की मौत हो गई है और 10 लोग घायल हुए हैं। बाढ़ग्रस्त इलाकों में फंसे लोगों को बचाने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं, जबकि प्रभावित किसानों के लिए कैबिनेट ने 2215 करोड़ रुपये की विशेष सहायता राशि मंजूर की है।
मराठवाड़ा क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित
मुख्यमंत्री ने बताया कि मराठवाड़ा क्षेत्र के बीड़, परभणी, संभाजीनगर, धाराशिव, लातुर आदि जिलों में बाढ़ का सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। बीड़ और धाराशिव में फंसे लोगों को हेलीकॉप्टर की मदद से रेस्क्यू किया जा रहा है। उन्होंने नौसेना से अतिरिक्त हेलीकॉप्टरों की मांग की है ताकि बचाव कार्य को और तेज किया जा सके। फडणवीस ने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों में आवश्यकता पड़ने पर और अधिक मदद उपलब्ध कराने की पूरी तैयारी है। जिन लोगों को नुकसान हुआ है, उन्हें तत्काल सहायता प्रदान की जाएगी।
मंत्रियों को दौरा करने के निर्देश
सीएम ने सभी मंत्रियों को बुधवार से बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा करने का निर्देश दिया है। साथ ही, जिलाधिकारियों को स्थानीय स्तर पर त्वरित मदद उपलब्ध कराने के लिए अधिकृत किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रभावित लोगों की हर स्तर पर सहायता का प्रयास कर रही है, लेकिन बारिश अभी भी जारी है, इसलिए सतर्कता बरतना जरूरी है।
किसानों के लिए विशेष पैकेज
कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसले के तहत, बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित किसानों को फसल नुकसान की भरपाई के लिए यह विशेष राहत पैकेज तैयार किया गया है। राज्य सरकार का दावा है कि यह राशि किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में मदद करेगी। विपक्षी दलों ने भी 'वेट ड्रॉट' घोषित करने और प्रति हेक्टेयर 50,000 रुपये की अतिरिक्त सहायता की मांग की है, जिस पर सरकार विचार कर रही है।
भविष्य की तैयारी
मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रबंधन को मजबूत करने पर जोर देते हुए कहा कि अगले 48 घंटे महत्वपूर्ण हैं, खासकर मुंबई, ठाणे, रायगढ़, रत्नागिरि और सिंधुदुर्ग जिलों के लिए। प्रशासन निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर रहा है और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी कर रहा है।
यह बाढ़ महाराष्ट्र के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई है, लेकिन राज्य सरकार के त्वरित कदमों से स्थिति पर काबू पाने की उम्मीद है। ग्रामीणों और किसानों की नजरें अब राहत राशि के वितरण और बचाव कार्यों पर टिकी हुई हैं।