किसान विरोधी है केंद्र सरकार: राकेश टिकैत; धर्मांतरण पर भी उठाए सवाल

फिरोजाबाद। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू)-टिकैत के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सोमवार को केंद्र सरकार को किसान विरोधी करार देते हुए उस पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की उदासीनता के चलते किसान खाद, फसल के मूल्य और मुआवजे के लिए परेशान हैं और आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं।
शहीद के परिजनों से मुलाकात, धर्मांतरण पर उठाए सवाल
राकेश टिकैत सोमवार को जिले के गांव ढोलपुरा में आईटीबीपी के शहीद जवान राम नरेश यादव के परिजनों से संवेदना व्यक्त करने पहुँचे थे। उन्होंने शहीद के परिवार से मुलाकात की और उनके दुख में शामिल होते हुए कहा कि शहीदों का सम्मान हमारी ज़िम्मेदारी है। उन्होंने गाँव वालों से शहीद की स्मृति में गाँव में एक लाइब्रेरी का निर्माण कराने का आह्वान किया, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ उनके बलिदान को याद रख सकें।
मीडिया से बात करते हुए टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार किसान विरोधी है। किसान खाद के लिए भटक रहा है, फसल बर्बाद हो रही है, और उन्हें उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है, जिससे किसान कर्जदार होकर आत्महत्या करने को मजबूर हो रहे हैं।
इसके साथ ही, उन्होंने कहा कि जो सरकार हिंदुत्व के नाम पर सत्ता में आई थी, उसकी उदासीनता के चलते आदिवासी क्षेत्रों में बड़े स्तर पर धर्मांतरण का कार्य चल रहा है, जिसे सरकार को देखना चाहिए।
महोबा और महाराष्ट्र के किसानों का दर्द
टिकैत ने महोबा में किसान की आत्महत्या की खबर पर गहरा दुख व्यक्त किया और कहा कि कर्ज की बेड़ियाँ तोड़ने को बेबस किसान अपनी जान ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह दर्द केवल यूपी तक सीमित नहीं है, बल्कि महाराष्ट्र के किसान भी इसी मुश्किल वक्त से गुजर रहे हैं, जहाँ बीज, खाद और फसल सब बेकार हो चुके हैं, पर उन्हें कोई राहत नहीं मिल रही है।
राकेश टिकैत ने सरकार से जल्द से जल्द मुआवजा और राहत देने की मांग की, ताकि किसान फिर से ज़िंदगी की नई कहानी लिख सकें।
राष्ट्र विरोधी नारों पर सख्त कार्रवाई की मांग
आंदोलन और प्रदर्शन के दौरान राष्ट्र विरोधी नारे लगाए जाने के सवाल पर टिकैत ने कहा कि इस प्रकार की गतिविधियों को रोकने के लिए सरकार को कड़े कानून के तहत कार्रवाई करनी चाहिए।