सहारनपुर में यमुना का जलस्तर बढ़ने से तबाही, सैकड़ों बीघा जमीन और फसलें बहीं

सहारनपुर। यमुना नदी में जलस्तर बढ़ने से सहारनपुर जनपद के यमुना किनारे बसे गांवों में भारी तबाही हुई है। बेहट, चिलकाना और लखनौती क्षेत्रों के कई गांवों की सैकड़ों बीघा जमीन पानी के बहाव में बह गई, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। पापुलर और गन्ने जैसी कई महत्वपूर्ण फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गईं।
किसानों का दर्द: किसी का सब कुछ खत्म तो किसी की बेटी की शादी रुकी
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सेठपाल, टोडरपुर भोंखड़ी के किसान, ने बताया कि उनकी 8 बीघा जमीन पर खड़ी पापुलर और गन्ने की फसलें यमुना के जलकटान में बह गईं।
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मशरूर राणा की 30 बीघा जमीन पानी में समा गई, जिससे उनका सब कुछ खत्म हो गया।
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जोधेबांस निवासी किसान सर्वेश काम्बोज की जमीन पर 5 लाख रुपये के पेड़ खड़े थे। उन्होंने बताया कि इन पेड़ों को बेचकर उन्हें अपनी बेटी की शादी और बेटे की कोचिंग की फीस भरनी थी, लेकिन अब उनका यह सपना टूट गया है।
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ईश्वरचंद की तिल और पापुलर की फसल भी यमुना में बह गई।
राजस्व विभाग करेगा नुकसान का आकलन
प्रशासन को मिली सूचना के अनुसार, जिले में करीब एक हजार बीघा जमीन जलकटान की भेंट चढ़ गई है। जिलाधिकारी मनीष बंसल ने किसानों को आश्वासन दिया है कि राजस्व विभाग जल्द ही फसलों को हुए नुकसान का जायजा लेगा और नियमों के अनुसार उचित मुआवजा दिया जाएगा।
प्रभावित क्षेत्रों और किसानों का विवरण
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चिलकाना क्षेत्र: टोडरपुर भोंखड़ी गांव में 140 बीघा जमीन बही। इसमें मोहन सिंह (6 बीघा), विकास कुमार (7 बीघा), सेठपाल (5 बीघा), विक्रम सिंह (4 बीघा), रघुवीर (7 बीघा), जगपाल और रमेश (6-6 बीघा) और अच्छे सिंह (15 बीघा) की जमीनें शामिल हैं। इसके अलावा, आल्हाड़पुर, सोंधेबांस, राजदीनपुर, टापू और मजहार गांव के किसानों की 50 बीघा जमीन भी पानी में बह गई।
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लखनौती क्षेत्र: कुंडा कलां, सनौली, दौलतपुर, नाई माजरा, हलवाना और बेगी जैसे गांवों की 500 बीघा जमीन पर उर्द और गन्ने की फसलें बर्बाद हो गईं।
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बेहट तहसील क्षेत्र: जोंधेबास में 300 बीघा जमीन का कटाव हुआ।
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