“उत्तराखंड की अर्थव्यवस्था में मजबूती: लगातार छह साल राजस्व सरप्लस, आय में डेढ़ गुना से अधिक वृद्धि”

Uttarakhand News: उत्तराखंड ने लगातार छह वर्षों तक राजस्व सरप्लस बनाए रखा है। करों और अन्य संसाधनों से राज्य की आय में वृद्धि हुई है, जिससे वित्तीय स्थिति मजबूत हुई है। कैग की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड उन 16 राज्यों में शामिल है, जिनके पास राजस्व सरप्लस है। प्रदेश सरकार वित्तीय अनुशासन को प्राथमिकता दे रही है और अर्थव्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
“फिजूलखर्ची पर अंकुश, बजट में घाटा घटा”
“वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2022-23 तक प्रदेश की स्थिति”
कैग की रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2013-14 से 2022-23 तक के 10 वर्षों के आंकड़ों में उत्तराखंड ने लगातार चार वर्षों से राजस्व सरप्लस बजट दिया है। वित्तीय अनुशासन की इसी इच्छाशक्ति के बूते प्रदेश ने अपनी कुल आय और खर्च को संतुलित रखा।
वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 के बजट अनुमान
वित्तीय वर्ष 2024-25 के पुनरीक्षित बजट अनुमान में भी राज्य का बजट राजस्व सरप्लस रहने की संभावना है। वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजट अनुमान में भी इसी प्रवृत्ति को जारी रखा गया है। इसका संकेत है कि राज्य सरकार वित्तीय अनुशासन और आय के संसाधनों में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है।
उत्तराखंड के राजस्व सरप्लस (करोड़ रुपये):
2023-24: 3,341.06
2022-23: 5,309.97
2021-22: 4,128.04
2020-21: 1,113.33
कुल राजस्व (करोड़ रुपये):
2019-20: 30,722
2020-21: 38,204
2021-22: 43,057
2022-23: 49,084
2023-24: 50,165
2024-25: 51,473
इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि प्रदेश ने राजस्व और खर्च में संतुलन बनाए रखा और वित्तीय अनुशासन के कारण अर्थव्यवस्था में मजबूती आई है।
“आय के संसाधनों में वृद्धि और बेहतर वित्तीय परिणाम”
प्रदेश सरकार ने यह साफ किया है कि आय के संसाधनों में वृद्धि के लिए प्रयास लगातार जारी रहेंगे। इससे विभागों में उत्साह बढ़ा है और भविष्य में और बेहतर वित्तीय परिणाम दिखाई देंगे। सरकार की प्राथमिकता प्रदेश की अर्थव्यवस्था को और मजबूत बनाना है।