मुजफ्फरनगर में ई-रिक्शा रूट के खिलाफ यूनियन का प्रदर्शन, रोडवेज और शामली बस स्टैंड शहर से बाहर करने की मांग

मुजफ्फरनगर। मुजफ्फरनगर के कलेक्ट्रेट परिसर में भारतीय ई-रिक्शा मजदूर यूनियन के बैनर तले ई-रिक्शा चालकों ने एसपी ट्रैफिक अतुल चौबे द्वारा जारी रूट निर्धारण आदेश का जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। यातायात व्यवस्था को सुगम बनाने के नाम पर तैयार किए गए इस मंसूबे से नाराज चालक सड़कों पर उतर आए। यूनियन ने रोडवेज और शामली बस स्टैंड को शहर से बाहर स्थानांतरित करने की भी मांग की है।
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि रूट निर्धारण से उनकी आजीविका पर असर पड़ेगा। शहर का क्षेत्रफल मात्र 5 से 10 किलोमीटर की परिधि में फैला है, जो एक छोटा सा शहर है। यहां रूट निर्धारण लागू करना उचित नहीं माना जा रहा।
भारतीय ई-रिक्शा मजदूर यूनियन के अध्यक्ष सुदेश कुमार गौतम ने कहा, "रूट निर्धारण के खिलाफ हम पहले भी धरना दे चुके हैं। सरकार का यह फैसला हमारे लिए अन्यायपूर्ण है। हम मुजफ्फरनगर शहर में ई-रिक्शा रूट निर्धारित नहीं होने देंगे।"
उन्होंने आगे कहा कि शहर में जाम की असली समस्या अतिक्रमण और बस स्टैंडों की स्थिति है। ई-रिक्शाओं से जाम नहीं लगता, बल्कि रोडवेज बस स्टैंड और शामली बस अड्डा शहर के बीच स्थित होने से यातायात बाधित होता है। गौतम ने मांग की कि इन बस स्टैंडों को शहर से बाहर स्थानांतरित किया जाए, क्योंकि इनकी जमीन स्वीकृत होने के बावजूद वे शहर के मध्य में बने हुए हैं।
यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि रूट निर्धारण को रोका नहीं गया, तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। प्रदर्शन में सैकड़ों ई-रिक्शा चालक शामिल हुए, जिन्होंने नारेबाजी कर अपनी मांगें दोहराईं। प्रशासन ने प्रदर्शन को शांतिपूर्ण रखने का आश्वासन दिया है, लेकिन मुद्दे पर बातचीत की संभावना जताई है।
ट्रैफिक विभाग का कहना है कि रूट निर्धारण से शहर की यातायात व्यवस्था में सुधार होगा। हालांकि, चालकों की आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए आगे की कार्रवाई पर विचार किया जा सकता है। यह प्रदर्शन शहर की ट्रैफिक समस्याओं पर एक बार फिर बहस छेड़ने वाला साबित हो रहा है।