"ख्वातीनों को रोकने-टोकने वाला कोई नहीं", मुस्लिम औरतों पर भड़के मौलाना!

लखनऊ। जहां हम समाज और देश की महत्वपूर्ण खबरों और घटनाओं पर चर्चा करते हैं। आज हम एक अहम और विचारणीय मुद्दे पर बात करेंगे, जो हाल ही में चर्चा का विषय बना है। हम बात कर रहे हैं मौलाना कारी इसहाक गौरा के बयान पर, जिनकी टिप्पणियों ने समाज में हंगामा खड़ा कर दिया है।
मौलाना कारी इसहाक गौरा, जो अक्सर अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में रहते हैं, ने हाल ही में सहारनपुर के गुघाल मेला को लेकर एक वीडियो जारी किया। इस वीडियो में उन्होंने मुसलमानों, खासकर महिलाओं को इस मेले में जाने से रोकने की नसीहत दी।
उन्होंने आगे कहा, "इस मेला में सिर्फ पुरुष ही नहीं, बल्कि हमारी महिलाएं भी जाती हैं, और कोई उन्हें रोकने-टोकने वाला नहीं होता। हमें अपनी तहजीब, अपने उसूल और अपने कल्चर को याद रखना चाहिए। हमारी रातें आराम और इबादत के लिए हैं, ना कि ऐसी जगहों पर बर्बाद करने के लिए।"
इसके अलावा, मौलाना कारी इसहाक गौरा ने मोहब्बत-ए-रसूल को लेकर भी एक बयान दिया था। उनका कहना था कि मोहब्बत-ए-रसूल, यानी पैगंबर मोहम्मद साहब (SAW) से मोहब्बत का इजहार करना मुसलमानों का बुनियादी हक है। लेकिन अफसोस की बात यह है कि इस विषय में अक्सर विवाद पैदा हो जाता है, और कभी-कभी इसे लेकर लोगों के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज कर दी जाती है।
अब, मौलाना का यह बयान कई सवाल खड़े करता है। क्या इस बयान में सचाई है? क्या मुसलमानों के लिए इस तरह के मेलों में भाग लेना वाकई इस्लामी उसूलों के खिलाफ है? और, क्या यह बयान समाज में एक अलग तरह की सोच को जन्म देगा?