मेरठ में विजेंद्र हुड्डा के घर ED का बड़ा छापा, मोनाड यूनिवर्सिटी पर भी हुई कार्रवाई, बिजनौर से लड़े थे लोकसभा चुनाव
मेरठ (उत्तर प्रदेश): मेरठ में गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बाइक बोट घोटाले के मुख्य आरोपियों में शामिल विजेंद्र हुड्डा के घर छापा मारा। शुरुआती तौर पर इस कार्रवाई को मोनाड यूनिवर्सिटी से जुड़े फर्जी मार्कशीट घोटाले से जोड़ा जा रहा था, लेकिन बाद में खुलासा हुआ कि यह कार्रवाई बाइक बोट घोटाले से संबंधित है। ईडी ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा में एक साथ 40 ठिकानों पर छापेमारी की है।
कंकरखेड़ा में 9:30 घंटे चली गोपनीय कार्रवाई
ईडी की टीम गुरुवार सुबह करीब 11 बजे दो कारों में सवार होकर कंकरखेड़ा स्थित विजेंद्र हुड्डा के शिवलोकपुरी आवास पर पहुंची। कार्रवाई को अत्यंत गोपनीय रखा गया। जिस समय टीम पहुंची, मकान पर ताला लगा हुआ था। टीम ने आस-पड़ोस के लोगों को भनक न लगने देते हुए चाबी बनाने वाले को बुलवाकर मकान का ताला खुलवाया।
ईडी की टीम में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवानों के साथ ईडी के करीब चार सदस्य शामिल थे। यह कार्रवाई सुबह 11 बजे शुरू होकर शाम 8:30 बजे तक, यानी करीब 9:30 घंटे चली। छानबीन के बाद टीम ने मकान को सील कर दिया और बाहर एक नोटिस चस्पा किया, जिसमें लिखा है कि घर से कोई आपत्तिजनक सामान नहीं मिला है। बताया जाता है कि हुड्डा के एक पुराने मकान का पता लगने के बाद नए मकान पर सुबह कार्रवाई की गई।
मोनाड यूनिवर्सिटी समेत 40 ठिकानों पर दबिश
ईडी सूत्रों के अनुसार, 40 अफसरों की पांच टीमों ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। मेरठ आवास के अलावा हापुड़ स्थित मोनाड यूनिवर्सिटी पर भी ईडी की टीमें सुबह से ही मौजूद रहीं। यूनिवर्सिटी के अलावा विजेंद्र हुड्डा के पांच परिचितों के यहाँ भी छापेमारी की गई।
कौन हैं विजेंद्र हुड्डा?
विजेंद्र हुड्डा उस समय सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर बिजनौर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। चुनाव जीतने में असफल रहने के बावजूद, उन्होंने तीसरे स्थान पर रहकर अपनी छाप छोड़ी। राजनीतिक करियर से पहले, उनका नाम बाइक बोट घोटाले में सामने आया था। वह लंबे समय तक विदेश में भी रहे थे।
क्या है 3000 करोड़ से अधिक का बाइक बोट घोटाला?
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शुरुआत: गाजियाबाद के दादरी में 2010 में गर्वित इनोवेशन नाम की कंपनी रजिस्टर्ड हुई।
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स्कीम: 2018 में 'बाइक बोट' प्रोजेक्ट लॉन्च किया गया, जिसमें ₹62,000 निवेश करने पर निवेशक को प्रतिमाह ₹9,500 रिटर्न देने का वादा किया गया। बाद में ₹1.24 लाख के निवेश पर ₹17,000 मासिक रिटर्न की नई स्कीम भी लॉन्च की गई।
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ठगी का अनुमान: देश भर के 2 लाख से अधिक निवेशकों से अनुमानित ₹3 हजार करोड़ से लेकर ₹15 हजार करोड़ तक की ठगी की गई।
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मुख्य आरोपी: इस वित्तीय घोटाले का मुख्य आरोपी संजय भाटी है। उसकी गिरफ्तारी के बाद ही विजेंद्र हुड्डा का नाम इस घोटाले से जुड़ा होने का खुलासा हुआ था।
ईडी की यह कार्रवाई इस बड़े वित्तीय घोटाले की जांच में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
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